Rera Act क्या है? Real Estate Regulation Act रजिस्ट्रेशन और स्वीकृति (Approval) के बारे में सारी जानकारी

 

Real Estate (Regulation and Development) Act 2016 ( RERA) एक कानून है, जिसे भारतीय संसद ने पास किया था. RERA का मकसद Real Estate Sector में Buyers का  Investment बढ़ाना और उनके हितों की रक्षा करना है. 10 मार्च 2016 को राज्यसभा ने RERA बिल को पास किया था. इसके बाद 15 मार्च 2016 को लोकसभा ने इसे पास किया. 1 मई 2016 को इसे लागू किया गया. 92 में से 59 सेक्शन्स 1 मई 2016 को  Notify किए गए और बाकी के प्रावधान 1 मई 2017 से लागू कर दिए गए.





RERA Full Form : RERA Act क्या है?

RERA (Real Estate Regulatory Authority) की स्थापना Real Estate (Regulation and Development) अधिनियम, 2016 के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य रियल एस्टेट क्षेत्र को  Regulate करना और घर Buyers की समस्याओं का समाधान करना था। इसके उद्देश्य इस प्रकार हैं:


Allottees के हितों की रक्षा और उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित करना.

 Transparency Ensure करना और  Fraud के मामलों को घटाना.

पूरे भारत में Standardization को लागू करना और Professionalism लाना.

Home Buyers और विक्रेताओं के बीच सही जानकारी का प्रसार करना.

Builders और Investors दोनों पर अधिक से अधिक जिम्मेदारियां डालना.

Real Estate Sector की  Reliability बढ़ाने के साथ-साथ इस तरह Investors के बीच विश्वास बढ़ाना.

काफी वक्त से Home Buyers इस बात की शिकायत कर रहे थे कि Real Estate की लेनदेन एकतरफा और ज्यादातर Developers के हक में थीं। RERA और सरकार के  Model Code  का मकसद  Main Market  में विक्रेता और  Property Buyer के बीच justified और सही लेनदेन तय करना है। उम्मीद की जा रही है कि RERA बेहतर जवाबदेही और  Transparency लाकर  Real Estate  की खरीद को आसान बनाएगा। RERA Indian real estate industry का पहला Regulator है। Real Estate Act के तहत यह Mandatory किया गया कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने Regulator और नियमों का गठन करेंगे, जिसके मुताबिक कामकाज होगा।


RERA Act : RERA Approval और उसके लाभ



कुछ अहम compliance हैं:

कोई भी अतिरिक्त इजाफा या परिवर्तन के बारे में  Allottees को सूचना देना।

किसी भी इजाफे या बदलाव के बारे में 2/3 Allottees की मंजूरी की जरूरत होगी।

RERA में Registration से पहले किसी तरह का Launch या Ad नहीं किया जाएगा।

अगर  Majority Power तीसरे पक्ष को Transfer किया जाना है तो 2/3 सहमति की जरूरत होगी।

Project Plan, Layout, सरकारी मंजूरी और land title status और deputy contractors की जानकारी साझा करना।

वक्त पर Project पूरा होकर Buyers को मिल जाए, इस पर जोर दिया जाएगा।

पांच साल की Defect liability period के कारण  Construction की  Quality में इजाफा।

Detailed timing या काफी Flats बिक जाने के बाद RWA का गठन।

इस कानून का सबसे सकारात्मक पहलू है कि यह Flats, Apartment आदि की खरीद के लिए एक  Integrated legal system मुहैया कराता है, साथ ही पूरे देश में उसका Standardization करता है। अब आपको इस कानून की मुख्य बातों के बारे में बताते हैं:

Regulatory Authority की स्थापना: 

Real Estate के लिए सही Regulator (जैसे Capital market के लिए Security Exchange Board of  India की जरूरत लंबे वक्त से थी। इस कानून के तहत हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में Real Estate Regulatory Authority का गठन किया जाएगा। इसका मकसद Buyers के हितों की रक्षा, जमा किए Data को  Stored करना और Robust Grievance Redressal System बनाना है। समय की बर्बादी को रोकने के लिए Authority को अधिकतम 60 दिनों के भीतर आवेदन का निपटारा करना अनिवार्य है। यह सीमा तभी बढ़ाई जा सकती है, अगर देरी का कोई कारण दर्ज हो। इसके अलावा  Real Estate Appellate Authority (REAT) में अपील की जा सकती है।

अनिवार्य रजिस्ट्रेशन: 

केंद्रीय कानून के मुताबिक सभी Real Estate Projects  (जहां विकसित होने वाला कुल क्षेत्रफल 500 Square मीटर से ज्यादा है या किसी भी Phase में 8 से ज्यादा Apartment बनने अनिवार्य हैं) का अपने राज्य के RERA में  Registered होना अनिवार्य है। जिन मौजूदा Projects को Completion certificate (CC) या Occupancy certificate (OC) जारी नहीं हुआ है, उन्हें भी इस कानून के तहत  Registration कराना अनिवार्य है। Registration कराते वक्त  Promoters को  Project की जानकारी जैसे-जमीन की स्थिति, प्रोमोटर की जानकारी, Approval, पूरे होने का समय इत्यादि बतानी होगी। जब Registration की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और सभी मंजूरियां मिल जाएंगी, तब Project की  Marketing की जा सकती है।

Reserve Account: Projects में देरी होने की सबसे मुख्य वजह है कि एक  Project के लिए पैसा जमा कर उसे दूसरे Project में Invest कर दिया जाता है। इस पर रोक लगाने के लिए Promoters को  Project का 70% पैसा अलग Reserve Account में रखना होगा। इस खाते की राशि को सिर्फ जमीन या निर्माण के कामों में खर्च किया जा सकता है। किसी  Professional से इसे Certified कराना भी जरूरी है।

Project की  Progress देख सकेंगे ग्राहक: 



RERA के लागू होने के बाद घर खरीददार RERA की Website पर  Project की  Progress मालूम कर सकेंगे। Project में कितना काम पूरा हुआ, इसकी जानकारी Promoters को  Regular intervals पर Regulator को देनी होगी।

Title representation: Promoters को अब सही  Title और जमीन पर रुचि के लिए  Positive warranty बनानी होगी, जिसे बाद में  Home Buyers उनके खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं। गलत Title की खोज की जानी चाहिए। इसके अलावा उन्हें Title और Project के construction के लिए  insurance भी हासिल करनी होगी, जिसका मुनाफा  Sales agreement के Execution के बाद  Allottees को दिया जाना चाहिए।


Standardization of sales agreement: 

इस कानून के तहत Promoters और  Home Buyers  के बीच बिक्री समझौते का  Standard model है। मिसाल के तौर पर  Promoters  ने Home Buyers  के लिए कई धाराएं डालीं, जो उनके लिए सजा जैसी थीं, लेकिन Promoters अगर कोई गलती करते थे तो उन पर कोई  Penalty नहीं लगती थी। लेकिन एसे Clause अब बीते दिनों की बात हो जाएंगे और Home Buyers को भविष्य में एक  Balanced agreement मिलेगा।


Penalty :इस कानून का उल्लंघन न हो, इसके लिए सख्त जुर्माने (Project की लागत का 10 प्रतिशत) का  Provision है।


RERA के तहत  Carpet Area की परिभाषा



Property का Area तीन तरीकों से  Calculate किया जाता है-Carpet Area, Builtup Area और  Super built-up area। इसलिए जब भी बात  Property खरीदने की आती है तो आप क्या चुकाएंगे और आपको क्या मिलेगा, इसके बीच काफी फर्क होता है।  अब यह सभी बिल्डर्स के लिेए अनिवार्य है कि वे Apartment का size Carpet Area (चार दीवारों के बीच का एरिया) के आधार पर बताएं। इस्तेमाल होने वाले इल  Area में  Toilet एवं Kitchen भी शामिल होंगे। इससे  Transparancy आएगी, जो पहले नहीं थी।


RERA द्वारा Approved Projects: 

कौन से Projects को  RERA से  Approval मिल सकती है?

Plotted development के अलावा Commercial और Residential Projects

500 Square मीटर से ज्यादा या 8 Units वाले Projects.

कानून के लागू होने से पहले बिना Completion certificate वाले Projects।

जिस Projects का मकसद Renovation, Repair, Re-development है और  Reallocation, Marketing, Advertisement, नए Apartment की बिक्री या नया आवंटन नहीं करना है, वह RERA के तहत नहीं आएंगे।

हर Phase को नया Real Estate Project माना जाएगा, जिसके लिए नया  Registration होगा।


किन चीजों पर  Builder को माननी होगी RERA की बात

Project Registration

Advertisement

निकासी – पीओसी विधि

Carpet Area

Website updation

प्रोजेक्ट में बदलाव-2/3  Allottes की मंजूरी

Project Accounts-Audit

Allottes से लिया गया 70%  Fund Project के Account में जमा कराना होगा। इसका इस्तेमाल सिर्फ निर्माण और जमीन की लागत को कवर करने के लिए होगा।

Percentage completion method के अनुपात में  withdrawal होगी।

Withdrawal किसी Engineer, Architect या CA द्वारा  Certified होनी चाहिए।

Non-compliance पर Project के बैंक खाते फ्रीज करने के RERA के प्रावधान।

देरी पर ब्याज Consumer और Promoter दोनों के लिए एक समान होगा।


RERA के तहत Builder को क्या-क्या जानकारियां देनी होंगी



Number, Type और Apartment का Carpet Area।

किसी भी बड़े इजाफे या बदलाव के लिए Affected Allottes से सहमति।

ना बिक पाने वाली Inventory या लंबित मंजूरियों जैसी जानकारियों को हर तिमाही में RERA की Website पर  update करना।

तय वक्त में  Project पूरा करना।

Advertisement में झूठे बयान या Committment नहीं करना।

Promoters मनमाने ढंग से Unit को Cancel नहीं कर सकता।

RERA के तहत कैसे Register कराएं Projects 

RERA के तहत Projects का  Registration कराते वक्त सभी मंजूरियों का प्रमाणपत्र, प्रारंभिक प्रमाणपत्र, मंजूर किया गया प्लान, Layout plan ,  Specification, विकास कार्य का प्लान, प्रस्तावित सुविधाएं, Allotment letter, Sale Agreement, और Convence Deed पेश करने पड़ते हैं।

नए और मौजूदा Projects का  Launch से पहले RERA के तहत Registration अनिवार्य है।

RERA और RERA अपीलीय Tribunal में विवाद का 6 महीने में निपटारा।

एक ही Project के विभिन्न Phases का अलग-अलग  Registration होगा।

Developers को RERA को पिछले 5 वर्षों में  Launch हुए  Project  का उनके Status के साथ ब्योरा दोना होगा। साथ ही बताना होगा कि देरी क्यों हुई।

RERA की Website पर update.

अगर  Developer की गलती नहीं है और देरी हुई है तो अधिकतम 1 साल का  Extension लिया जा सकता है।

CA द्वारा Project के Account का सालाना Audit।

RWA  के फेवर में Common Area  का Convence Deed।

निर्माण और Land title  का Insurance।

Project के पूरा होने की समयावधि।


निर्माण और जमीन के title के लिए बीमा लागत को RERA कैसे प्रभावित करेगा?

Internal storage से भूमि और मंजूरी की लागत को बाहर किया जाएगा क्योंकि Prelaunch का Concept खत्म हो जाएगा।  Current debt financing  की जगह  Equity financing ले लेगा। पूंजी की लागत में बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि Developers को अब जमीन और मंजूरी की लागत के लिए Fund equity के जरिए जुटाना होगा।

मंजूरी मिलने में देरी के कारण Developers के लिेए Debt financing सही रास्ता नहीं रह गया है। चूंकि इस सेक्टर में आना मुश्किल हो गया है, इसलिए  Aggregation की संभावना है।

कोई Project शुरू करने के लिए Strong financial and execution capability की जरूरत होगी।

Project Lunch करने का समय बढ़ सकता है क्योंकि विवरण को अंतिम रूप देने में बहुत समय लगेगा।

Drawing, Utility Layout आदि जैसे विवरणों को प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले अंतिम रूप देना होगा।


RERA के अनुसार, अगर  Builder Possession में देरी करता है तो क्या होगा?



RERA Act की धारा 18 के तहत, यदि Promoter की ओर से Possession of property में देरी होती है, तो Buyer Agreement को समाप्त कर सकता है और पैसे वापस करने का अनुरोध कर सकता है। Promoter को Buyer द्वारा भुगतान की गई पूरी राशि ब्याज सहित वापस करनी होगी। धारा 18 Buyer को Project के साथ जारी रखने और Possession तक हर महीने की देरी के लिए  Developer से  Compensation claim करने का अधिकार भी देता है।


Developer  द्वारा देय ब्याज दर और ऐसी  Form of complaint RERA नियमों के तहत बताया गया है, जो विभिन्न राज्यों में अलग-अलग होते हैं। Buyer  Possession मिलने में देरी होने पर अधिनियम की धारा 31 के तहत Developer के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं। धारा 31 के अनुसार, कोई भी पीड़ित व्यक्ति उक्त अधिनियम के उल्लंघन के लिए  Regulatory Authority के पास शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत घर खरीदार के साथ-साथ Association of Allottees द्वारा भी दर्ज की जा सकती है।

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